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मोहित रैना का महादेव रूप: क्यों बना आइकॉनिक?

                                                            

                                                               


 देवों के देव महादेव धारावाहिक का परिचय : -

                             भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में कुछ ऐसे धारावाहिक है, जिन्होंने मनोरंजन नहीं रहने दिया बल्कि उसे भक्ति, आध्यात्म और भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम बना दिया। 

                             देवों के देव ..... महादेव ऐसा ही एक ऐतिहासिक शो है, जिसने 2011 से 2014 तक दर्शकों के दिलों पर राज किया। लाइफ ओके चैनल पर प्रसारित हुए इस सीरियल ने शिव भक्तों के बीच एक नई आध्यात्मिक लहर पैदा कर दी।  

महादेव सीरियल की कहानी क्या है ? : -- 

                            ' देवों के देव ...... महादेव ' की कहानी भगवान् शिव की जीवनगाथा, उनके तप, त्याग, प्रेम, क्रोध और समाधि की अनंत यात्रा पर आधारित है। इसमें शिव - सती और शिव - पार्वती के मिलन से लेकर गणेश - कार्तिकेय जैसे महत्वपूर्ण प्रसंग शामिल है। महिषासुर वध, तारकासुर वध, शिव तांडव, कामदेव - दहन जैसे अध्याय दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ते है। 

                            इस धारावाहिक की खूबी यह थी कि यह केवल पौराणिक घटनाओं का वर्णन नहीं करता था, बल्कि उन्हें इस तरह प्रस्तुत करता कि दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ जाते थे। शिव का धैर्य, उनका करुणा भाव, उनकी सरलता, जीवन दर्शन - सब कुछ दर्शकों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाता था। 

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मोहित रैना का महादेव अवतार : -- 

                                           

मोहित रैना डिवॉन के देव महादेव की भूमिका में। 

 

             शो की सबसे बड़ी ताकत थी - ' मोहित रैना का दमदार अभिनय। उनका शांत चेहरा, स्थिर भाव, गहरी आँखे और दिव्य व्यक्तित्व ऐसा प्रभाव छोड़ते थे मानो सच में शिव अवतरित हो गए हो। उनके संवाद कम होते थे, लेकिन हर एक संवाद में अर्थ और शक्ति दोनों समाहित रहती थी। 

             उनकी बॉडी लैंग्वेज से लेकर ध्यान मुद्रा तक सब कुछ इतनी बारीकी से प्रस्तुत किया गया कि दर्शक हर एपिसोड को ' दर्शन ' की तरह महसूस करते थे। 

             मोहित रैना के महादेव अवतार ने उन्हें भारतीय टी. वी. के सबसे प्रतिष्ठित पौराणिक अभिनेताओं की श्रेणी में ला खड़ा किया। 

सती और पार्वती के रूप में अभिनेत्रियाँ : --

                                       

                                        [ऊपर] - सोनारिका भदौरिया पार्वती की भूमिका में। 

                                          [नीचे ] - मौनी रॉय माता सती की भूमिका में। 
 

              शो में ' मौनी रॉय ' ने देवी सती की भूमिका निभाई थी। उनकी मासूमियत, कशिश और शिव के प्रति समर्पण को दर्शकों ने खूब पसंद किया।  

            सती  की मृत्यु वाला एपिसोड आज भी टीवी के सबसे भावनातमक दृश्यों में गिना जाता है। इसके बाद पार्वती के रूप में ' सोनारिका भदौरिया '  की एंट्री हुई, जिन्होंने शक्ति, प्रेम और सौम्यता का अद्भुत संतुलन दिखाया। उनके शिव - पार्वती संवादों में एक आध्यात्मिक मिठास थी। जिसने शो को नई ऊंचाई दी। 

            बाद में कई अन्य अभिनेत्रियाँ भी इस भूमिका में नजर आयी, लेकिन सोनारिका की लोकप्रियता सबसे अधिक बनी रही।   

 दृश्य प्रभाव से जैसे कैलाश जिवंत हो उठा। 

   सेट, VFX और दृश्य प्रभाव : जैसे कैलाश जिवंत हो उठा  : --          

              भारतीय टीवी पर पौराणिक शो बनाना हमेशा चुनौतीभरा रहा है, लेकिन ' देवों के देव .....  महादेव ' ने इसे कला के स्तर तक पहुँचा दिया।                 

               🎍  " कैलाश पर्वत का भव्य सेट "  

              🎍   " त्रिकूट पर्वत की रहस्यमयी गुफ़ाएं ।  "

              🎍   " अमरावती और पाताल लोक की दृश्यावली। "

              🎍   " बोलते हुए सर्प, चमकते त्रिशूल, दिव्य युद्ध। "

              ये सब मिलकर शो को एक सिनेमाई अनुभव देते थे। VFX टीम ने विशेष तौर पर शिव के तांडव, गणेश के जन्म, शक्ति के अवतार और कई दैत्य युद्धों को शानदार ढंग से चित्रित किया। 

               उस समय के टीवी मानकों के हिसाब से यह शो तकनीकी रूप से बहुत आगे था। 

महादेव धारावाहिक का संगीत और भक्ति भाव : - 

                इस धारावाहिक का बैकग्राउंड म्यूजिक और भजन आज भी दर्शकों के दिलों में बास्ते है। 

                        " ओम नमः शिवाय ........ "

                       "   देवों के देव - महादेव ...... " 

                       "   जय जय शिवशंकर ...... " 

               जैसे गीतों ने भक्तिभाव को और गहरा किया। शो का संगीत पात्रों की भावनाओं को और प्रभावी बनाता था। विशेषकर जब शिव समाधि में जाते या तांडव करते, तब संगीत दर्शकों को भीतर तक हिला देता था। 

इस धारावाहिक से मिलने वाले जीवन सन्देश : -- 

              " देवों के देव ..... महादेव " सिर्फ पौराणिक मनोरंजन नहीं था,यह एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी था। शो ने सिखाया ---

  •                 क्रोध पर नियंत्रण। 
  •                 रिश्तों में धैर्य। 
  •                 अहंकार का त्याग। 
  •                 प्रेम का पवित्र रूप। 
  •                 सत्य और कर्म का महत्व और 
  •                 समाधि और ध्यान शक्ति। 

               भगवान् शिव को ' कल्याणकारी ' रूप में दिखाया गया, जो विनाशक भी है, और रक्षक भी। 

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देवों के देव महादेव की लोकप्रियता और TRP : -- 

            इस धारावाहिक ने भारतीय टीवी पर पौराणिक शोज की छवि बदल दी इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि इसे देश ही नहीं,  'आंतरराष्ट्रीय स्तर ' पर भी खूब देखा गया। कई भाषाओं में इसका डब वर्जन प्रसारित हुआ और आज भी यूट्यूब पर करोड़ों व्यूज के साथ पसंद किया जाता है।   

क्यों आज भी पसंद किया जाता है महादेव सीरियल ? : -- 

             समय बदलता है, लेकिन आध्यात्मिक भावनाएँ नहीं। यह शो आज भी इसीलिए लोकप्रिय है क्योंकि -----

                🎬     इसकी कहानी दिल को छूती है। 

                🎬     शिव - पार्वती का प्रेम आदर्श माना जाता है। 

                🎬     शो की भक्ति तत्त्व आत्मा को शांत करता है। 

                🎬     इसकी विज़ुअल क्वालिटी आज भी मजबूत है। 

                🎬    मोहित रैना का महादेव अवतार आइकोनिक बन चूका है। 

             यह धारावाहिक सिर्फ टीवी कंटेंट नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है। जिसे हर पीढ़ी महसूस कर सकती है। 

            " देवों के देव.... महादेव " ने भारतीय टेलीविजन पर भक्ति, कला, संस्कृति और आधुनिक तकनीक का जो मिश्रण बनाया, वह दुर्लभ है। यह शो हमें सिर्फ कथाएं नहीं सुनाता, बल्कि जीवन, प्रेम, त्याग और शक्ति के वास्तविक अर्थ से भी परिचित कराता है। 

             इसी वजह से यह धारावाहिक टीवी इतिहास में एक आध्यात्मिक क्लासिक बन चूका है और आनेवाले समय में भी इसकी लोकप्रियता काम नहीं होगी। 

   

    

  







                                 
 

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