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तब्बू: अनसुनी बातें और अद्भुत सिनेमाई इतिहास

 अनसुनी बातें, जीवन इतिहास और बॉलीवुड सफर

                               

                                    तब्बू: अनसुनी बातें 
                            

                      भारतीय सिनेमा में कुछ ऐसे कलाकार होते है जो अपनी लोकप्रियता से नहीं, बल्कि अपने काम की गहराई और मौलिकता से दर्शकों के दिलों में जगह बनाते है। तब्बू उन विरले कलाकारों में से एक है। जिनका नाम आते ही संजीदा अभिनय, रहस्यमयी खूबसूरती और सिल्वर स्क्रीन की गहराई का अहसास होता है। 

                      लगभग तीन दशक से अधिक का सफर तय कर चुकी तब्बू आज भी दर्शकों के लिए उतनी ही ताजगी और आकर्षण का केंद्र है।  जितनी अपने शुरुवाती दिनों में थीं। 

                    आइए जानते है, तब्बू की जीवन यात्रा, फ़िल्मी सफर और उनकी कुछ अनसुनी बातें, जिन्हे बहुत कम लोग जानते है। 

तब्बू रियल नेम और फ़िल्मी दुनिया से रिश्ता  : -

                           बहुत कम लोग जानते है कि तब्बू का असली नाम ' तबास्सुम फातिमा हाशमी है। उनका जन्म 4 नवम्बर 1971 को हैदराबाद तेलंगाना में हुआ। उनका परिवार हमेशा से कला और शिक्षा से जुड़ा रहा। एक दिलचस्प बात यह है कि तब्बू मशहूर अभिनेत्री फराह नाज़ की छोटी बहन है। फ़राह नाज 80s और 90s की लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से थीं। लेकिन तब्बू ने अपनी अलग राह चुनी और खुद को एक बेहद गंभीर प्रायोगिक और दमदार भूमिकाओं वाली अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया।  

तब्बू फिल्म करियर : बॉलीवुड में एंट्री लेकिन अलग अंदाज़ से : - 

                                     

तब्बू  बॉलीवुड  जर्नी की पहली फ़िल्में 

 

                                              तब्बू की पहली स्क्रीन अपीयरेंस महज एक छोटा रोल था, जिसे उन्होंने महेश भट्ट की " नाम " फिल्म में निभाया। हालंकि उनकी असली शुरुवात 1991 की फिल्म " कुली नंबर 1 " [ तेलुगु ]से हुई थी। 

                            1994 में रिलीज़ हुई " विजयपथ " उनकी पहली बड़ी बॉलीवुड फिल्म मानी जाती है।  अजय देवगन के साथ उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया और इसी फिल्म के लिए उन्होंने ' फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू ' का अवार्ड भी जीता।                

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तब्बू की कहानी अनोखी पहचान : स्टार नहीं, अभिनेत्री : -  

                 तब्बू में एक खास बात यह है कि उन्होंने कभी भी सिर्फ " ग्लैमर " के आधार पर फ़िल्में नहीं चुनी। उनकी फ़िल्में उन किरदारों के लिए पहचानी जाती है, जिनमे भावनाओं की जटिलताएं, जीवन की गहराइयाँ और इंसानी संघर्ष नजर आता है। वह खुद इस बात को कई बार कह चुकी है -------

    " मै फिल्मों में स्टार बनने नहीं, अच्छा अभिनय करने आई थी। "  

तब्बू नेशनल अवार्ड्स : एक नहीं, दो बार ! : -   

                     तब्बू उन चुनिंदा भारतीय अभिनेत्रियों में से है, जिन्हे दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। 

                                   

1996 में प्रदर्शित फिल्म " माचिस "का पोस्टर 

                   🎬  " माचिस " [1996 ] -- पंजाब के उथल - पुथल भरे दौर पर आधारित इस फिल्म ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई। 
                                       
                      2001 में प्रदर्शित फिल्म " चांदनी बार "का पोस्टर            
               
                 🎬  " चांदनी बार " [ 2001] --  बार डांसर ' मुमताज ' का दर्द भरा किरदार आज भी उनके करियर का सबसे असरदार अभिनय माना जाता है। 
तब्बू बॉलीवुड जर्नी - आंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी चमकी : - 
  
                         बहुत कम लोग जानते है कि तब्बू ने सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि हॉलीवुड फिल्मों में भी शानदार काम किया है। 
                          सबसे मशहूर फ़िल्में है ------
                                           
                   
 फिल्म  " नेमसके " और "लाइफ ऑफ़ पी " का पोस्टर 

 🎬   " नेमसके " [2006] -- मीरा नायर द्वारा निर्देशित। 

      🎬     " लाइफ ऑफ़ पी " [2002] -- अंग ली की आंतरराष्ट्रीय ब्लॉकबस्टर।  

                            इन फिल्मों में  तब्बू ने अपनी गहरी और भावपूर्ण एक्टिंग से विदेशी दर्शकों को भी प्रभावित किया।

 तब्बू की निजी जिंदगी -- बेमिसाल सादगी : --

                तब्बू की पर्सनल लाइफ हमेशा से रहस्यमयी और सरल रही है। कुछ अनसुनी बातें -----

  •     वह पार्टियों से दुरी रखती है। 
  •     उन्हें किताबें पढ़ना, खाना बनाना और शांत माहौल पसंद है। 
  •     दोस्तों  का छोटा लेकिन बेहद करीबी समूह है। 
  •     वह अपनी भांजी स्मेहा से बेहद प्यार करती है।
 वह किसी भी फिल्म सेट पर ज्यादा तामझाम या स्टार - ट्रीटमेंट पसंद नहीं करती। 
 
इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स : सलमान खान के परिवार से अनोखा रिश्ता : -- 
 
                                 अल्वीरा खान और उनकी दोस्त तब्बू 
       एक बेहद दिलचस्प और अनसुना तथ्य - तब्बू का बचपन सलमान खान की बहन अल्वीरा खान के साथ बीता दोनों अच्छे दोस्त थे। तब्बू मानती है कि सलमान उनकी " प्रोटेक्टिव नेचर " का कारण भी रहे है। कई साक्षात्कार में उन्होंने मज़ाक में कहा है ---
" अगर मै शादीशुदा नहीं हूँ तो कहीं न कहीं इसकी वजह सलमान भी है। "   
 
 एक्ट्रेस तब्बू अननोन फैक्ट्स : शान्ति, योग और संगीत  : --
 
       तब्बू फिल्मों में भले ही गंभीर किरदार करती हो, लेकिन असल जिंदगी में वह बेहद सकारात्मक, शांत और सरल स्वभाव की है। उनकी पसंद ----
  •       क्लासिकल संगीत। 
  •       योग और  ध्यान। 
  •       पुरानी हिंदी फ़िल्में। 
  •       यात्रा करना। 
  •       खासकर समुद्र तटों पर समय बिताना। 
उनका कहना है कि ये सभी चीजें उन्हें " भावनात्मक रूप " से स्थिर रखती है।  
 
तब्बू फिल्म करियर : कुछ नायाब फ़िल्में : --  
 
           तब्बू की फिल्मोग्राफी बेहद शानदार और विविध रही है। इन फिल्मों ने उन्हें अलग पहचान दी है --- ⚽ " माचिस " ⚽ " विरासत " ⚽ " हु तू तू " ⚽ " अस्तित्व " ⚽ " चांदनीबार " ⚽ " हैदर "  ⚽ " दृश्यम [1 और 2] " ⚽ " अन्धाधुन " और " भूल भुलैया 2 "
           इन फिल्मों में जहां एक ओर उन्होंने सामाजिक मुद्दों को छुआ, वहीं दूसरी ओर वाणिज्यिक फिल्मों में भी अपनी स्क्रीन प्रजेंस से दर्शकों को चौंकाया।  
 
तब्बू की कहानी : 50 + उम्र में भी चमक बरकरार : -- 
 
         तब्बू भारतीय सिनेमा की ऐसी अभिनेत्री है, जिन्होंने उम्र को भी अपने करियर की सीमा नहीं बनने दिया। 50 के पार भी वह - ' मुख्य भूमिकाएं निभा रही है ,' ' लोकप्रिय फिल्मों का हिस्सा है। ' और युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक की पसंद बनी हुई है। 
           उनकी मौजूदगी मात्र से फ़िल्में " ग्रेविटी " प्राप्त कर लेती है। 
एक अनसुना किस्सा - दोस्ती पर आधारित एक फिल्म छोड़ दी : -- 
 
          तब्बू ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी एक करीबी दोस्त की वजह से एक बड़ी फिल्म छोड़ दी थी। फिल्म में एक ऐसा किरदार था जो उनकी दोस्त की निजी जिंदगी से मिलता - जुलता था। तब्बू ने कहा -----
" मैंने दोस्ती के लिए फिल्म छोड़ दी, क्योंकि मेरे लिए रिश्ते फिल्मों से ऊपर है। " 
 
तब्बू की कहानी, एक प्रेरणा, एक धरोहर : --   
 
          तब्बू सिर्फ अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक संस्था है। उनके काम की खूबसूरती इस बात में है कि वह संवेदनाओं को न्यूनतम संवादों में भी ज़ाहिर कर देती है। उनकी आँखों की गहराई, मुस्कान की संयमित चमक और आवाज़ का सौम्य उतार - चढाव उन्हें सिनेमा का एक अनमोल रत्न बनाते है। 
           तब्बू की सफर हमें यह बताता है कि लोकप्रियता शोर से नहीं, गुणवत्ता से मिलती है।  उन्होंने अपने करियर में हमेशा ऐसे किरदारों को चुना जो सिनेमा को बेहतर बनाते है, दर्शकों के दिल को छूते है और सोंचने पर मजबूर करते है। 
           आज जब स्टारडम की परिभाषा बदल चुकी है, तब्बू अपनी सादगी, शालीनता और उत्कृष्ट अभिनय से साबित करती है कि सच्चा कलाकार कभी फीका नहीं पड़ता - वह समय के साथ और निखरता है।     
 
    
                                   
           
                           

                       

                                                           
 


                       


                           

   

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