वैकुंठ कंसल्टेन्सी [ व्यंगात्मक ]
आइए आइए वैकुण्ठ कंसल्टेन्सी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में आपका स्वागत है। मै आप की क्या सेवा कर सकता हूँ ? मै मुरारीलाल और यह है घनश्याम। '' जनाब आप पहले बैठिये तो सहीं। कुर्सी सामने खींचते हुए मुरारीलाल ने अपना दुःखी मुँह खोलते हुए कहा - '' देखिये भाई साहब , कल रात घनश्याम के पिता का आकस्मिक निधन हो गया है। उनकी आज अंतिम यात्रा निकालनी है। इसका प्रबंध कराने आप के पास आये है। क्या आप हमारी सहायता करेंगे ?'' मुरारीभाई इसी कार्य के लिए तो हमारी यह कंसल्टेन्सी मार्केट प्लेस में काफी प्रसिद्ध है।
देखिये ! कमल साहब , मै और घनश्याम दोनों मल्टी नेशनल कंपनी में बड़े पद पर काम करते है। वैसे घनश्याम के परिवार में उनकी पत्नी उनकी अपनी कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर है। उसी कंपनी के चेयरमैन घनश्याम के पिता ही थे। वे ही नहीं रहे। धन जमा करने के पीछे भागते भागते इन्होने अपने सारे रिश्तेदारों को अनजान बना दिया है। किसी से कोई सम्बन्द नहीं रहा। खैर , आज उसी कारण अंतिम यात्रा की समस्या हमारे सामने खड़ी है।
कमलनाथ - '' मै आपकी सारी समस्या समझ गया हूँ। चिंता करने की कोई बात नहीं। हमारे पास कई पैकेज है , जो पैकेज आपको पसंद आएगा हमें बता दें। उस पैकेज को साइन करते ही हमारी कार्यवाही शुरू होगी। आपकी शवयात्रा यादगार बनाएंगे। यही तो हमारी ग्यारंटी है। '' मुरारीलाल - '' कमलजी , मेरी शवयात्रा को अभी काफी समय है , मै तो घनश्याम के पिता की शवयात्रा की कर रहा हूँ। '' कमलनाथ- '' आपको गलतफमी हो गई है मै तो उनकी शवयात्रा की ही बात कर रहा हूं। दोनों को टोकते हुए दुःख से कोसों दूर घनश्याम ने अपना मुहं खोला -- '' क्या क्या पैकेज आपके पास है यह तो बताइये। फिजूल बातों में समय बर्बाद किये जा रहे हो। जल्दी से महायात्रा का इंतजाम होगा तो मै अपना कुछ काम कर सकूँ। ''
कमलनाथ ने उसे सांत्वना देते हुए अपने टेबल की दराज से कुछ फाइल तथा ब्रॉउचर निकाले तथा दोनों के सामने रखते हुए कहा - '' यहाँ हमारे विशेष पैकेज है आपको ऐसे पैकेज और कही नहीं मिलेँगे । तभी कमलनाथ का मोबाइल मीठे स्वर में चिल्लाने लगा। " हेलो।,वैकुंठ कन्सलटेन्सी , में आपकी क्या सेवा कर सकता हु ? " अपना चेहरा गंभीर कर सारी बात सुनने के पश्चात कमलनाथ बोलने लगा - ' ठीक है साहब मै अभी दस पंद्रह प्रोफेशनल रोनेवालों को आपके पास भेजता हूँ। हमारी फीस तो आपको पता ही है न ? ' ओ के बस घंटे भर में हमारे आदमी आपके पास होंगे। धन्यवाद फ़ोन करने के लिए और मोबाइल काट दिया।
आइए आइए वैकुण्ठ कंसल्टेन्सी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में आपका स्वागत है। मै आप की क्या सेवा कर सकता हूँ ? मै मुरारीलाल और यह है घनश्याम। '' जनाब आप पहले बैठिये तो सहीं। कुर्सी सामने खींचते हुए मुरारीलाल ने अपना दुःखी मुँह खोलते हुए कहा - '' देखिये भाई साहब , कल रात घनश्याम के पिता का आकस्मिक निधन हो गया है। उनकी आज अंतिम यात्रा निकालनी है। इसका प्रबंध कराने आप के पास आये है। क्या आप हमारी सहायता करेंगे ?'' मुरारीभाई इसी कार्य के लिए तो हमारी यह कंसल्टेन्सी मार्केट प्लेस में काफी प्रसिद्ध है।
देखिये ! कमल साहब , मै और घनश्याम दोनों मल्टी नेशनल कंपनी में बड़े पद पर काम करते है। वैसे घनश्याम के परिवार में उनकी पत्नी उनकी अपनी कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर है। उसी कंपनी के चेयरमैन घनश्याम के पिता ही थे। वे ही नहीं रहे। धन जमा करने के पीछे भागते भागते इन्होने अपने सारे रिश्तेदारों को अनजान बना दिया है। किसी से कोई सम्बन्द नहीं रहा। खैर , आज उसी कारण अंतिम यात्रा की समस्या हमारे सामने खड़ी है।
कमलनाथ - '' मै आपकी सारी समस्या समझ गया हूँ। चिंता करने की कोई बात नहीं। हमारे पास कई पैकेज है , जो पैकेज आपको पसंद आएगा हमें बता दें। उस पैकेज को साइन करते ही हमारी कार्यवाही शुरू होगी। आपकी शवयात्रा यादगार बनाएंगे। यही तो हमारी ग्यारंटी है। '' मुरारीलाल - '' कमलजी , मेरी शवयात्रा को अभी काफी समय है , मै तो घनश्याम के पिता की शवयात्रा की कर रहा हूँ। '' कमलनाथ- '' आपको गलतफमी हो गई है मै तो उनकी शवयात्रा की ही बात कर रहा हूं। दोनों को टोकते हुए दुःख से कोसों दूर घनश्याम ने अपना मुहं खोला -- '' क्या क्या पैकेज आपके पास है यह तो बताइये। फिजूल बातों में समय बर्बाद किये जा रहे हो। जल्दी से महायात्रा का इंतजाम होगा तो मै अपना कुछ काम कर सकूँ। ''
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शव यात्रा का दॄश्य |
कमलनाथ ने उसे सांत्वना देते हुए अपने टेबल की दराज से कुछ फाइल तथा ब्रॉउचर निकाले तथा दोनों के सामने रखते हुए कहा - '' यहाँ हमारे विशेष पैकेज है आपको ऐसे पैकेज और कही नहीं मिलेँगे । तभी कमलनाथ का मोबाइल मीठे स्वर में चिल्लाने लगा। " हेलो।,वैकुंठ कन्सलटेन्सी , में आपकी क्या सेवा कर सकता हु ? " अपना चेहरा गंभीर कर सारी बात सुनने के पश्चात कमलनाथ बोलने लगा - ' ठीक है साहब मै अभी दस पंद्रह प्रोफेशनल रोनेवालों को आपके पास भेजता हूँ। हमारी फीस तो आपको पता ही है न ? ' ओ के बस घंटे भर में हमारे आदमी आपके पास होंगे। धन्यवाद फ़ोन करने के लिए और मोबाइल काट दिया।
घनश्याम तथा मुरारीलाल फाइल और ब्रॉउचर देखने में व्यस्त हो गए किन्तु उनके कान कमलनाथ की बातों की ओर थे। कमलभाई अपनी तारीफ नुमा जानकारी कमेंट्री की तरह दिए जा रहे थे। हमारे पैकेज इस प्रकार है। जिसमे पैकेज का विवरण तथा शुल्क भी दिया गया है।
1 ] इकॉनमी पैकेज : - महायात्रा वाहन की मामूली सी सजावट , यात्री महिला हो या पुरुष उनके लिए कपडे , एक एक हार तथा वैकुण्ठ स्टेशन का याने लकड़ी हो या अन्य सामग्री सारा खर्च हमारा होगा साथ में सरकारी प्रमाण पत्र [ DEATH CERTIFICATE ] की डिलीवरी डोर स्टेप कर दी जाएगी। इसका शुल्क है केवल 20 हजार रूपए इसके आलावा 5 प्रतिशत सर्विस टैक्स।
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2 ] सुपर इकॉनमी पैकेज : - इस पैकेज में वैकुण्ठ यात्रा वाहन की अधिक सजावट होगी। दस किलो अच्छी क्वलिटी के घी का प्रयोग होगा तथा यात्री के लिए तीन चार हार अतिरिक्त होंगे इसके आलावा हमारी कंपनी के द्वारा कर्मकांड पुरोहित रहेगा जो विधि पूर्वक यात्री को विदा करेगा। बाकि सहूलतें इकॉनमी पैकेज की तरह ही होगी। इस पैकेज का शुल्क केवल 30 हजार रूपए के साथ 5 प्रतिशत सर्विस टैक्स।
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3 ] आई .पी . पैकेज : - इसका अर्थ महत्वपूर्ण व्यक्ति पैकेज। इस पैकेज के अंतर्गत बहुत बढ़िया सेवाएं उपलब्ध है। इसमें हमारी कंपनी के द्वारा वैकुण्ठ स्टेशन तक लोगों को खासकर बुजुर्ग लोगों को छोड़ने और लाने मिनी बस का इंतजाम होगा। इसके आलावा पहले के दो पैकजों की सुविधा भी शामिल होगी तथा स्थानीय समाचार पत्र में फोटो के साथ निधन का सन्देश प्रकाशित किया जायेगा। इस पैकेज का शुल्क रहेगा मात्र 40 हजार रूपए के साथ 5 प्रतिशत सर्विस टैक्स।
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4 ] स्पेशल कंसल्टेंसी पैकेज : - इस पैकेज के अंतर्गत आपको वी आई पी सेवा मिलेगी। हमारे अन्य पैकजों की तरह ही सुविधाएँ होंगी ही पर एक हार के बदले पांच दस हार होंगे इसके आलावा दो तीन पुष्पांजलि [ wreath ] बेहतरीन क़िस्म की होगी। साथ ही हिंदी ,अंग्रेजी तथा स्थानीय समाचार पत्र में उठावना के समाचार प्रकाशित होंगे।
हमारे इस पैकेज की सबसे महत्वपूर्ण सुविधा यह है की तीसरे दिन का और तेरहवी का इंतजाम होगा जिसमे आपको कुछ नहीं करना पड़ेगा। इसमें मेनू शुद्ध शाकाहारी होगा।
कस्टमर की सुविधा के लिए अस्थि विसर्जन भी हमारी कंपनी द्वारा किसी पुण्य क्षेत्र में किया जायेगा। तेरहवी के कार्यक्रम में परिवार के सदस्यों को नए कपडे , आनेवाले मेहमानो को यात्री की स्मृति में रिटर्न गिफ्ट भी दिया जायेगा। यात्री के फोटो की एक बड़ी फ्रेम घर में सजाने दी जायगी।
इन सुविधाओं के अतिरिक्त वैकुण्ठ स्टेशन पर दो मिनिट का मौन रखकर कम्पनी के उत्तम वक्ता यात्री की तारीफ का बखान करेंगे। इस पैकेज का शुल्क है केवल 1.5 लाख रूपए है इसी मे ही सर्विस टैक्स शामिल होगा।
घनश्याम और मुरारीलाल पैकजों पर विचार करने लगे। तभी घनश्याम ने कहा - ' कमलसाहब , हमें थोड़ा समय दीजिये हम अभी घर जाते है और हमारी होम मिनिस्टर से बात कर आपको चेक दे देते है या ऑनलाइन पेमेंट कर देते है। ' कमलसाहब - ' ठीक है , जैसा आप मुनासिफ समझे। ''
दोनों वैकुण्ठ कंसल्टेन्सी के बाहर आये और सीधे घर की ओर दौड़े। घर पहुँचते ही घनश्याम ने अपनी पत्नी के सामने सारा विवरण रख दिया। घनश्याम की पत्नी - '' देखो जी ! मुझे तो 1.5 लाख वाला पैकेज ही अपने लिए ठीक लगता है। वैसे यह हमें अपनी जब से थोड़े ही देना है ? यह तो पिताजी का पैसा ही हम देंगे। लोगों को भी लगेगा की हम पिताजी को कितना चाहते थे। सच तो हमें अपना समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। '' घनश्याम ने अपना लैपटॉप उठाया और वैकुण्ठ कंसल्टेन्सी को 1.5 लाख का पेमेंट कर दिया और अपने ही पिता के क्रियाकर्म से पिंड छुड़ाया।
आज के विकासशील युग ने अपने ही खून के रिश्तों को बेगाना बना दिया है। प्रेम विश्वास त्याग सभी हमारी संस्कृति लालच की कबर के निचे दफ़न कर दी गई है। बस केवल पैसा ही मानव का धर्म नजर आने लगा है। ऐसे पत्नी के उल्लू पतिओं को रिश्तों की गम्भीरता समजनी चाहिए। यह कहानी ई- पुस्तक के रूप में अमेज़ॉन पर उपलब्ध है
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