मोना नहीं नजमा हूँ    [ अमेज़ॉन किंडल स्टोर पर उपलब्ध है ]



                                           
https://www.makeinmeezon.com/2019/02/blog-post_9.html

                                                                       
                                                              प्रस्तावना 

      ' मोना नहीं नजमा हूँ ' या कोई अन्य पुस्तक हो उसे लिखते हुए  मुझे   मेरी  पूज्य  माताजी  श्रीमती मालतीबाई नाड़कर की विशेष याद आती  है  कारण जब  भी  मै  कुछ  लिखने  लगता  तो प्रथम उसे मेरी माताजी पढ़ती और मुझे सुझाव  देते  हुए  लिखने के लिए प्रोत्साहित करती परन्तु आज वे मेरे बीच  नहीं है  पर  उनका  आशीर्वाद आज भी  मै  अपने साथ होने का अनुभव करता हूँ  । 
        मेरी दृष्टी में जिस तरह मेरे माता पिता के आदर्श   अपने ध्यान में रखते हुए  जीवन के  पथ  पर अग्रसर हो रहा हूँ तो मै हमारे गांव के पूर्व सरपंच एवं z.p.t.c. श्री कृष्णा गौड़ जी को कैसे भूल सकता हूँ ? हमें वे बड़े भाई के समान है और उन्होंने भी उस रिश्ते को निभाते हुए मुझे जीवन के पथ पर निष्कलंक चलने प्रोत्साहित किया है ।
      यह इ - पुस्तक ' मोना नहीं नजमा हूँ '  को मै अपने  माता -पिता तथा मेरे  आदरणीय  श्री कृष्णा गौड़ जी को आदर पूर्वक समर्पित कर रहा हूँ  ।